सोलर लगवाना चाहते हैं, लेकिन नहीं जानते कहां से शुरू करें?”
आप अकेले नहीं हैं — ऐसे कई लोग हैं जो सोलर पैनल लगवाने में रुचि रखते हैं, लेकिन उन्हें इसकी पूरी प्रक्रिया की जानकारी नहीं होती।
चलिए आपको आज बताते हैं —
घर की छत पर सोलर पैनल लगवाने की पूरी प्रक्रिया, आसान भाषा में, स्टेप बाय स्टेप।
Step 1: आपके घर की बिजली जरूरत और इस्तेमाल की समझ
सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है कि आपके घर में:
हर महीने कितनी यूनिट बिजली खर्च होती है?
आपका औसतन बिजली बिल कितना आता है?
यह जानकारी सिस्टम साइज चुनने में मदद करती है।
उदाहरण के लिए:
🔹 ₹2000–₹2500 बिल = 2–3 kW सिस्टम
🔹 ₹4000+ बिल = 5kW या उससे ऊपर का सिस्टम
Step 2: छत का सर्वे (Site Survey)
सोलर इंस्टॉलर आपकी छत की जांच करता है:
कितना एरिया उपलब्ध है?
छत मजबूत है या नहीं?
दिन में कितनी देर तक धूप पड़ती है?
छाया (पेड़, दीवारें, पानी की टंकी) तो नहीं?
1kW का सोलर सिस्टम इंस्टॉल करने के लिए आमतौर पर 80 से 100 वर्ग फीट की छत की जरूरत होती है।
Step 3: आपके लिए सही सोलर सिस्टम और उसके हिस्सों का चुनाव
आपकी जरूरत के अनुसार इंस्टॉलर आपको सलाह देता है:
कितने kW का सोलर सिस्टम लगाना चाहिए
किस कंपनी के सोलर पैनल, इन्वर्टर और संरचना (mounting) चाहिए
बैटरी लगानी है या नहीं (on-grid vs off-grid vs hybrid)
साथ ही सब्सिडी के लिए MNRE अप्रूव्ड ब्रांड्स और वेंडर ही चुनें।
Step 4: सब्सिडी और DISCOM अप्रूवल के लिए आवेदन
PM Surya Ghar या MNRE सब्सिडी स्कीम के तहत सोलर सिस्टम पर छूट पाना चाहते हैं?
सरकार दे रही है सोलर पर भारी छूट — आज ही pmsuryaghar.gov.in पर रजिस्टर करें!
अपना बिजली कनेक्शन नंबर और DISCOM चुनें
सब्सिडी के लिए आवेदन भरें
DISCOM द्वारा अप्रूवल मिलने के बाद ही इंस्टॉलेशन करें
सब्सिडी सीधे आपके खाते में आती है — पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होती है।
Step 5: सोलर सिस्टम का इंस्टॉलेशन
अब आती है असली कार्रवाई की बारी:
सोलर पैनल्स को रूफ स्ट्रक्चर पर फिट किया जाता है
सोलर सिस्टम के साथ इन्वर्टर, वायरिंग, सर्किट ब्रेकर और DC/AC बॉक्स जैसे आवश्यक उपकरण भी लगाए जाते हैं।
सभी कनेक्शन सुरक्षात्मक नियमों के तहत किए जाते हैं
पूरी सिस्टम की टेस्टिंग होती है
यदि बैटरी है, तो उसका भी अलग कनेक्शन किया जाता है।
Step 6: नेट मीटरिंग की प्रक्रिया
नेट मीटरिंग के लिए:
आपके DISCOM से आवेदन किया जाता है
DISCOM अधिकारी इंस्टॉलेशन निरीक्षण करते हैं
पुराने मीटर की जगह डुअल वे मीटर लगाया जाता है
अब आप जो अतिरिक्त बिजली ग्रिड में भेजेंगे, उसका आपको क्रेडिट मिलेगा।
इससे आपके बिजली बिल और भी कम हो सकते हैं — कभी-कभी ₹0 तक!
Step 7: सब्सिडी राशि का भुगतान
इंस्टॉलेशन और नेट मीटरिंग के बाद
जांच पूरी होने के बाद वेरिफिकेशन रिपोर्ट DISCOM या MNRE पोर्टल पर अपलोड की जाती है।
फिर कुछ ही हफ्तों में आपकी सब्सिडी राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है
यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी है।
Step 8: AMC, मॉनिटरिंग और मेंटेनेंस
एक बार सिस्टम लगने के बाद:
- कंपनी आपको मोबाइल ऐप से मॉनिटरिंग की सुविधा देती है
- पैनलों को महीने में 1–2 बार साफ करना चाहिए
- कोई टेक्निकल दिक्कत हो तो इंस्टॉलर आपकी मदद करता है
अधिकतर कंपनियां 5–10 साल की वारंटी और 25 साल की पैनल परफॉर्मेंस गारंटी देती हैं।
निष्कर्ष: पूरी प्रक्रिया आसान है, बस सही गाइडेंस चाहिए
घर की छत पर सोलर सिस्टम लगवाना अब एक जटिल प्रक्रिया नहीं है।
अगर सही इंस्टॉलर, सही दस्तावेज और सही जानकारी आपके पास हो, तो:
आप सब्सिडी भी ले सकते हैं
बिजली बिल से पूरी तरह छुटकारा पा सकते हैं
और 25 साल तक खुद की बिजली बना सकते हैं
क्या आप चाहते हैं कि हम आपके लिए पूरी प्रक्रिया को आसान बनाएं?
हम देते हैं:
फ्री साइट विज़िट
सब्सिडी में पूरी सहायता
MNRE अप्रूव्ड इंस्टॉलेशन
नेट मीटरिंग सुविधा
“अब सवाल नहीं, सिर्फ समाधान — घर की छत पर सोलर लगवाएं, और बिजली पर नियंत्रण पाएं!”