Blogs

Speak to solar expert Request a call back to discuss your solar needs.

Let us analyse your electricity bills to find the best solar panels and system for your household or business.

Send A Message!

सोलर इन्वर्टर क्या होता है और क्यों जरूरी है?

(सोलर सिस्टम का दिमाग – इन्वर्टर की पूरी जानकारी हिंदी में)

जब भी हम सोलर पैनल लगवाने की सोचते हैं, तो सबसे ज़्यादा ध्यान पैनलों और सब्सिडी पर जाता है।
लेकिन एक चीज़ जो सबसे महत्वपूर्ण है, वो है —
सोलर इन्वर्टर
जिसे हम सोलर सिस्टम का “दिमाग” कह सकते हैं।

तो आइए विस्तार से समझते हैं कि सोलर इन्वर्टर क्या होता है, कैसे काम करता है और क्यों इसकी सही समझ और चुनाव जरूरी है।

सोलर इन्वर्टर क्या होता है?

सोलर पैनल सूरज की रोशनी से जो बिजली बनाते हैं, वह होती है DC (Direct Current) यानी सीधी करंट।

लेकिन हमारे घरों में चलने वाले उपकरण जैसे पंखा, AC, फ्रिज, लाइट्स आदि सभी चलते हैं AC (Alternating Current) पर।

यहीं सोलर इन्वर्टर का रोल आता है – यह DC बिजली को AC में बदलता है, ताकि हम सोलर से बनी बिजली का अपने घर में सीधा उपयोग कर सकें।

सोलर इन्वर्टर कैसे काम करता है?

  1. सोलर पैनल सूरज की रोशनी से DC बिजली बनाते हैं
  2. वह DC इन्वर्टर तक पहुंचती है
  3. इन्वर्टर उसे AC में बदल देता है
  4. वही AC करंट आपके घर के उपकरणों को चलाने में काम आता है
  5. यदि ग्रिड से कनेक्शन है, तो बची हुई बिजली DISCOM को भेज दी जाती है

 आधुनिक इन्वर्टर मोबाइल ऐप से मॉनिटरिंग की सुविधा भी देते हैं — जैसे कितनी यूनिट बनी, कितनी खपत हुई, कितनी ग्रिड में भेजी गई।

सोलर इन्वर्टर क्यों जरूरी है?

कारण

क्यों जरूरी है

 बिजली रूपांतरण

DC को AC में बदले बिना बिजली उपयोग नहीं की जा सकती

 मॉनिटरिंग

आपको रियल-टाइम डेटा मिलता है

 सुरक्षा

वोल्टेज, करंट, और ओवरलोडिंग को कंट्रोल करता है

 ग्रिड या बैटरी से स्विचिंग

ऑन-ग्रिड या ऑफ-ग्रिड सिस्टम को ऑटोमैटिकली मैनेज करता है

सोलर इन्वर्टर के प्रकार (टाइप्स)

इन्वर्टर प्रकार

विशेषताएं

किसके लिए उपयुक्त

On-Grid Inverter

ग्रिड से जुड़ा होता है, बैटरी नहीं लगती

शहरों में, जहां बिजली नियमित आती है

Off-Grid Inverter

बैटरी के साथ चलता है, ग्रिड से नहीं जुड़ा

गांवों में, बिजली कटौती वाले क्षेत्रों में

Hybrid Inverter

ग्रिड और बैटरी दोनों से जुड़ा होता है

जहां बैकअप भी चाहिए और नेट मीटरिंग भी

इन्वर्टर की कीमत कितनी होती है?

इन्वर्टर साइज़

अनुमानित कीमत (ब्रांडेड)

1kW

₹15,000 – ₹18,000

3kW

₹25,000 – ₹35,000

5kW

₹40,000 – ₹60,000

Hybrid 5kW

₹70,000 – ₹1,00,000+

ब्रांडेड कंपनियाँ जैसे Sungrow, Growatt, Enphase, GoodWe आदि बेहतर गुणवत्ता और वारंटी देती हैं।

इन्वर्टर चुनते समय किन बातों का ध्यान रखें?

  1.  अपने सोलर सिस्टम के साइज़ के अनुसार इन्वर्टर चुनें
  2.  BIS/MNRE सर्टिफाइड ब्रांड ही खरीदें
  3.  मोबाइल ऐप मॉनिटरिंग सपोर्ट हो
  4.  सेफ्टी फीचर्स जैसे ओवरवोल्टेज प्रोटेक्शन, इनबिल्ट MCB
  5.  कम से कम 5 साल की वारंटी हो (10 साल तक भी उपलब्ध है)

इन्वर्टर की मेंटेनेंस जरूरी है क्या?

हां, लेकिन बहुत जटिल नहीं:

  • समय-समय पर धूल साफ करें
  • वेंटिलेशन का ध्यान रखें, ताकि गर्मी से खराब न हो
  • वार्षिक सर्विसिंग कराएं
  • वायरिंग और कनेक्शन सुरक्षित रखें

 इन्वर्टर को छांव में या शेड के नीचे लगवाएं — सीधी धूप से बचाएं।

निष्कर्ष: बिना इन्वर्टर सोलर अधूरा है!

सोलर इन्वर्टर बिजली को चलाने लायक बनाता है।
अगर आपने बढ़िया पैनल लगाए हैं, लेकिन इन्वर्टर सस्ता या लोकल लगा लिया —
तो ना सिर्फ परफॉर्मेंस खराब होगी, बल्कि सिस्टम भी जल्दी खराब हो सकता है।

इसलिए सही इन्वर्टर का चुनाव उतना ही जरूरी है जितना पैनल का।

क्या आप अपने सोलर सिस्टम के लिए सही इन्वर्टर की सलाह चाहते हैं?

हम देते हैं:
 फ्री कंसल्टेशन
 ऑन/ऑफ/हाइब्रिड इन्वर्टर विकल्प
 ब्रांडेड उत्पाद + इंस्टॉलेशन
 वारंटी और AMC सुविधा

“सोलर पैनल सूरज से बिजली लाते हैं, लेकिन इन्वर्टर ही उसे आपके घर तक पहुंचाता है!”